यात्रियों को केरी बैग में मिलेगा बेडरोल, डस्टबिन के रूप में कर सकेंगे इसका USE!

ट्रेनों के एसी कोच में अब बेडरोल के साथ मिलने वाले खाकी कवर की जगह पॉलीथिन जैसे दिखने वाला कैरी बैग मिलेगा। यात्री इसका इस्तेमाल डस्टबिन के रूप में भी कर सकेंगे।
खाकी कवर की उपयोगिता न होने व इधर-उधर पडऩे रहने से इनसे कोच में गंदगी भी दिखती थी। रेलवे सूत्रों की माने तो रेलवे जल्द ही रेलवे यात्रियों को कैरी बैग में बेडरोल उपलब्ध करवा सकता है। यह कैरी बैग बड़ा होगा। पैसेंजर इसका प्रयोग डस्टबिन की तरह कर इसमें कचरा रख सकें गे। इस बैग का रंग भी विशेष तरह का होगा। जिससे पैसेंजर उसमें लिखे दिशा-निर्देशों को आसानी से पढ़ सके। यह जल्द ही कई ट्रेनों में एक साथ लागू होगा।
हो चुके हैं प्रयोग
मैकेनिकल विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोंडवाना एक्सप्रेस के साथ एक अन्य ट्रेन प्रयोग किया था। एक माह तक देखा गया कि ट्रेन में इस बैग का प्रयोग यात्रियों ने डस्टबिन की तरह किया। पहले की अपेक्षा सफाई भी मिली।
1500 बेडरोल
ग्वालियर रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन बुंदेलखंड एक्सप्रेस, चंबल एक्सप्रेस, बरौनी, इंदौर इंटरसिटी एक्सप्रेस और सुशासन एक्सप्रेस ट्रेनें 1500 बेडरोल जाते हैं। इन ट्रेनों में यही से लांउड्री से तैयार होकर बेडरोल जाते हैं। ग्वालियर में अभी दो माह पूर्व ही लाउंड्री का निर्माण किया गया है। जिसमें अब यहीं पर प्रतिदिन बेडरोल तैयार हो रहे हैं।
News Courtesy: Patrika